नाखूनों से जानें अपने स्वास्थ के बारे में
स्वस्थ्य नाखून चिकने, बिना दाग धब्बे के एवं हल्की गुलाबी रंगत लिये हुये होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य की निशानी भी होते हैं। मानव शरीर में कभी-कभी विटामिंस, खनिज, प्रोटीन, आयरन की कमी या बीमारी के कारण इन नाखूनों में परिवर्तन आ जाता है जैसे सफेदी, पीलापन, लालिमा, खुरदरापन, उठाव, चमड़ी में घुसना, टूटना, काला पड़ना, धारियाँ, गड्ढे आदि दिखाई देने लगते हैं जो शरीर में किसी कमी या बीमारी के लक्षण दिखाते हैं जैसे–
• सूजन, मवाद -
नाखून की प्लेट में सूजन, मवाद बनना, नाखून का अपनी जगह छोड़ देना, फंगल इंफेक्शन के कारण हो सकता है जो एक अंगुली से सभी अंगुलियों में फैल सकता है इसका उपचार चर्म रोग विशेषज्ञ की निगरानी में करवाना चाहिये। पूर्ण उपचार में 4-6 माह तक लगते हैं।
• चम्मच जैसे-
पीलापन लिये हुए बेजान नाखून रक्त की कमी (एनीमिया) को दर्शाते हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण नाखून चम्मच की तरह दिखते हैं।
• त्वचा लाल -
नाखूनों के आस पास की त्वचा का आवश्यकता से अधिक लाल होना हृदय की बीमारी का संकेत होता है।
• त्वचा में घुसना -
नाखूनों के कोनों का त्वचा में घुसना विटामिन डी, कैलशियम की कमी को दर्शाता है।
भूरे नाखून–
आधे गुलाबी-आधे सफेद या भूरे नाखून, किडनी रोग का संकेत देते हैं।
• कमजोर नाखून –
थायराइड या - किडनी रोग में नाखून कमजोर होकर फटने या टूटने लगते हैं।
• अर्धचंद्राकार न होना -
नाखूनों के अंत में अर्धचन्द्राकार आकृति न होना विटामिन 'ए' या प्रोटीन की कमी दर्शाता है, कुछ किडनी रोग में भी ऐसा हो सकता है।
• कालापन–
विटामिन 'बी' की कमी से - नाखूनों के छोर पर कालापन आ सकता है।
• नीला चन्द्राकार -
नाखूनों के अंत में सफेद की बजाय नीला चंद्रमा, गठिया (रुमेटाइड आर्थराइटिस) में हो सकता है।
• काली भूरी लाइन -
नाखूनों में भूरी या काली लाइन स्किन कैंसर का संकेत हो सकता है।
• नाखूनों में उठाव-
नाखूनों में उठाव हृदय या फेफड़े की बीमारी की तरफ इशारा करते हैं।
नाखूनों में उपरोक्त संकेतों के अलावा अन्य प्रकार का परिवर्तन भी शरीर में किसी बीमारी या कमी का सूचक हो सकता है।
नाखूनों की देखभाल कैसे करें :
नाखूनों को हमेशा साफ एवं सूखा रखना आवश्यक है। यदि लम्बे समय तक पानी या डिटरजेंट का काम हो तो दस्ताने अवश्य पहनना चाहिये। नाखूनों को समय पर काटना एवं फाइलिंग करना चाहिये, इसके लिये नहाने या हाथ धोने के पश्चात् नेल ट्रिमर या क्लिपर का उपयोग करें। नाखूनों को कभी भी दाँत से नहीं काटना चाहिये और इन्हें टूथपिक से कुरेदने से भी बचना चाहिये क्योंकि नाखूनों में छोटा-सा कटाव कई तरह के बेक्टीरियल अथवा फंगल इंफेक्शन को आमंत्रित करता है। पैर के नाखूनों की देखभाल में सफाई के अलावा, सही फिटिंग के जूते पहनना अति आवश्यक है। टाइट जूते से नाखूनों पर लम्बे समय तक अधिक दबाव होने से नाखून चमड़ी में घुसने लगते हैं।
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