: FILM PROCESSING :
X-ray film को x-ray से expose हो जाने के बाद उसकी emulsion layer पर latent image का formation हो जाता है, जो invisible होती है, इस latent image को visible image में convert करने के लिए film को chemical के द्वारा process किया जाता है, जिससे यह latent image visible हो जाती है, जिसे film processing कहते है।
Film processing two types की होती है।
(1) Manual film processing
(2) Automatic film processing
(1) Manual film processing:-
Manual film processing hand और Hangers से की जाती है, इसमें film को process करने के लिए निम्न 5 steps को follow करना पड़ता है।
(1) Developing
(2) Rinsing
(3) Fixing
(4) Washing
(5) Drying
(1) Developing:-
इस क्रिया में latent image को visible image
Convert किया जाता है, इसका मुख्य कार्य expose हो चुके silver halide crystal को metallic silver में ( बिना unexposed silver halide crystal को हानि पहुचाऐं ) बदलना होता है। इसके four रासायनिक ingredients होते हैं।
(१)Organic reducing agent
(२)ACTIVATOR
(३)RESTRAINER
(४) PRESERVATIVE
(१) Organic reducing agent's :-
यह Metol एवं hydroquinone का Mixture होता है, hydroquinone धीमी गति से कार्य करता है, तथा film को black shades या contrast प्रदान करता हैं, तथा metol fast गति से कार्य करता है, तथा film को light gray shades प्रदान करता है।
अतः अन्तिम detail प्रदान करता है।
(२) Activator :-
Sodium carbonate or sodium hydroxide का प्रयोग Activator के रूप में use किया जाता है, यह emulsion को swell (फुलाकर) कराकर Developing Agents का emulsion में penetration आसान कर देता है, तथा Reaction के पश्चात् free हुए पदार्थों को निकालने में मदद करता है। Hydroquinone केवल क्षारीय (Alkaline medium) माध्यम में work करता है, तथा इसका pH (10-11) होता है।
(३) Restrainer :-
Restrainer के रूप में potassium iodide (KI), का उपयोग किया जाता है, Kbr एवं KI केवल उन silver halide crystal पर कार्य करते है, जो x-ray से expose हो चुके होते हैं, बिना restrainer के जो भी crystal expose नहीं हुए हैं, वे matelic silver में reduce हो जायगे, जिससे अधिक fogg का निर्माण होगा, जिसे developing fogg कहते है। Kbr और KI को antifogging agent के रूप में उपयोग किया जाता है।
(४) Preservative :-
Sodium sulfite का उपयोग preservative के रूप में किया जाता है, यह Reducing agents को हवा द्वारा oxidation होने से रोकता है, अतः यह developer की life बढ़ाता है, hydrogen हवा से होने वाले आक्सीकरण के लिए बहुत संवेदनशील होता है। oxidation developer भूरा रंग ग्रहण कर लेता है।
: Development के कुछ प्रायोगिक तत्व :
Practical factor in development :- Development के दो मुख्य Practical factor होते है।
(1) The temperature of developing solution
(2) The total time of development
Developer का उपयुक्त temperature 20-22°C (68-72°F) होना चाहिए, cold developer के साथ (16°C / 60°F) hydroquinone की Activity बहुत कम हो जाती है, जिससे Radiographic में contrast व density बहुत कम हो जाती है।
Image Quality cold developer Development time को बढ़ाकर की जा सकती है, यदि developer बहुत अधिक गर्म है, अर्थात् 24°C से अधिक है, तब emulsion नरम हो जाती है, और chemical fogg बनता है।
Note :- Non screen films के साथ development time 50% बढ़ जाता है, क्योंकि film silver अधिक मोटा होता हैं।
Manual development में 24°C पर पाँच minute develop करते है, तथा exposure में 5 kv कम देकर 3 minute develop करने की अपेक्षा five minute develop करने से अच्छा contrast आता है, तथा बार-बार film को deploper में से यह देखने के लिए नहीं निकालना चाहिए कि film develop हुई है या नहीं क्योंकि इससे fogging होती है। Note :- जब film developer में पड़ी हो तो उसे हल्के-हल्के हर minute हिलाना चाहिए, जिससे उसमें धारियाँ न पड़े, तथा अच्छी तरह develop हो सके, development में bromide emulsion से निकल जाते है, जो हिलाकर यदि निकाला न जाये तो यह development की process को धीमी कर देते है।
Replenishment:-
Developer का लगातार use करने से developer Solution कमजोर पड़ जाता है, तथा इसका आयतन भी Developing tank में कम हो जाता है, अतः इसमे कमी हुई शक्ति तथा आयतन को पूरा करने के लिए Replenishment मिलाया जाता है अतः Replenishment के रूप में Hydroquinon metol तथा क्षार की मात्रा अधिक होती है, इसमें bromide नहीं होता है, क्योंकि यह film emulsion से मिलकर developer में इक्ट्ठा होता हैं।
(2) Rinsing :-
Developer तथा fixer tank के बीच में एक tank रखा होता हैं, जिसमें simple water भरा होता है, develop करने के बाद film को 30 second के लिए developer को निकालने (धोने) के लिए डालते हैं. fixer में developer मिलने से इसकी क्रियाशीलता कम हो जाती है, Rinsing wash में Acitic Acid (C2H4O2) मिलाने से developer के सारे contents ऊसी rinsing tank में निकल जाते हैं।
(3)FIXATION
Film permanent बनाने के लिए Fixing bath में insert किया जाता हैं।
Function:-
(1) Expose develop y silver halide crystal को remove करना
( 2 ) Film पर image को permanent बनाये रखना।
(3) Emulsion को hard करने के लिए जिससे वह damage न हों।
Fixing_solution :-
Fixing solution के four part (भाग) होते हैं।
(i) Fixing Agent:-
Hypo (Sodium Thiosulphate in powder (Na2S203) Amonium Thiosulphate in ) 3 Fixing Agents film से unexposed तथा liquid Alz (SO4 undevelop silver bromide en silver a silver iodide crystal को निकालकर film को साफ करता है, तथा metallic silver को develop तथा expose भागों को छोड़ देता है, film को fix न करने पर undevelop AgBr crystal film पर रह जाते है, जिससे film black हो जाती है।
(ii) Preservative :-
Sodium sulfite का उपयोग preservative के रूप में किया जाता है, यह fixing agents को खराब होने से बचाकर film को clear करने में मदद करता है।
(ii) Hardener:-
Crome alum (KCrS208) or potassium alum KAI(SO4)2 का उपयोग Hardner के रूप में किया जाता है, यह emulsion तथा Gelatin को कड़ा करके film को खरोचों से बचाता है।
(iii) Acid:-
Sulfuric Acid (H2SO4 ) or Acetic Acid का उपयोग बचे हुए क्षार को Neutralizes करने में तथा Fixer एवं hardener के बीच उचित medium प्रदान करने के लिए किया जाता है।
Rapid Fixer:-
Rapid Fixer Ammonium chloride (NH4CI) का उपयोग किया जाता है, जिससे Fixing time half हो जाता है, Fixing time Fixer की Age और Fix की गई films की संख्या पर निर्भर करता है।
(1) उपयुक्त Fixer में 1-4 minute film को साफ करने में लगते है।
(2) Fixer को exhausted तब माना जाता है, जब Fixing time 10 minute से ज्यादा हो।
(3) Film को White light Fixing के समय नहीं लगाना चाहिए।
(4) लम्बे समय तक Fixing नही करना चाहिए, क्योंकि Hypo emulsion से चिपक जाता है, और यह Washing से भी नहीं निकलता, अतः लम्बे समय तक Fixation से Image की bleaching हो जाती है।
( 5 ) Fixing bath का उपयुक्त temperature 18-24°C होना चाहिए।
(6) समय समय पर Fixer में Replenishment मिलाने की आवश्यकता होती है।
(4) Washing :-
Films को fix करने के बाद fixer के crystal को remove करने के लिए running water में wash में करते है, तथा Washing 20°C पर 20 minute करनी चाहिए, fixation के बाद अगर film को wash नहीं किया जाता है, तो Hypo atmosphere के 02 के साथ film को black करते है।
(5) Drying :-
Processing की last step film को सुखाना है, इसके लिए Dryer और fan का use किया जाता है Drying का temperature 35°C से अधिक नहीं होना चाहिए, तथा film को धूल रहित जगह में सुखाना चाहिए।
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