:-FORMATION OF LATENT IMAGE:-
Introduction :-
latent image formation वह image है, जो कि X-ray Film की emulsion layer पर बनती है. जबकि यह Film x-ray द्वारा expose हो चुकी होती है, यह imge unvisible होती है, जिसे developing द्वारा visible image में change किया जाता है, यह latent image x-ray film के दोनों side बनती हैं, क्योंकि x-ray film के दोनों side पर emulsion layer present रहती है।
Latent image formation:-
X-ray beam energy patient की Body में से pass होती है, तब x-ray beam की energy का कुछ अंश body part द्वारा absorb कर लिया जाता है, एवं कुछ part scattered हो जाता है, तथा शेष बची हुई x-ray beam की energy body में से बाहर आ जाती है, जिसमें image होती है, यह X-ray beam की energy जब cassette में आती है, तब वह बहुत सारे light photon में convert हो जाती है, यह x-ray beam की energy intensifying screen phosphor layer reaction light photon में convert हो जाती है, इसमें 01 x-ray photon 850 light photon में convert होते है, x-ray film silver halide crystal की बनी होती है, यह silver halide crystal emulsion के active part होते हैं,
emulsion layer में present silver halide में लगभग 95% silver bromide और 5% silver iodide रहता है। Silver positive charge en bromide Negative charge पाया जाता है।
Silver halide crystal flat (समतल) और triangle होते हैं, प्रत्येक Silver halide crystal पर sensitivity specks होता है, जो कि crystal
के layer पर present रहता है. यह crystal में कुछ अशुद्धिया मिलाने से बनता है।
जैसे:- silver जब x-ray photon और light photon film के crystal के पास आते है, तब वह अपनी total energy crystal के sensitivity specks (अतिसंवेदनशील कण) को दे देते है. इस type के crystal का specks negative हो जाता है, तब bromide ion के negative electron speck में चले जाते है, वहाँ जाकर rest करते है, जब speck negative हो जाता है.. तब वह silver ion को अपनी ओर attract करता है, इस प्रकार से silver ion negative हो जाता है, और metallic silver में change हो जाता है।
इस प्रकार से film का वह भाग जो bones के नीचे रहता है, black दिखाई देता है, क्योंकि यहाँ metallic silver पर्याप्त मात्रा में received नहीं कर पाते है, और black दिखाई देते है, तथा film का वह भाग white दिखाई देता है, वह lungs के नीचे वाला भाग होता है, लेकिन जब film develop की जाती है, तो वह film negative होती है, और picture revers हो जाती है. अर्थात् film का वह भाग जो under the bone था वह white दिखाई देता है, तथा lungs black दिखाई देते है, इसका तात्पर्य है कि positive film में ही एक सही image दिखाई देती है, इस प्रकार से वह x-ray film जिसमें negative ion है, उसमें body के वे सभी भाग जो thick होते है, white दिखाई देते है, और वे सभी part जो thin होते है, black दिखाई देते है ।
x-ray film में जो area white दिखाई देता है, Radio opaque (अपारदर्शी) कहलाता है, तथा जो area black दिखाई देता है, वह Radio lucent (चमकदार) कहलाता हैं।
Radio opaque:- Bone, Stone, Kidney, Urenery bladder.
Radio lucent:- Air in the lung, Fracture in bone etc.
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