PRODUCTION OF X-RAY
INTRODUCTION:-
X-ray का production निम्न दो procedure से x-ray tube में होता है।
1. जब Targate material tungsten पर cathode से आये हुऐ High speed electron Anode के tungsten plate पर strike होते है।
2. जब cathode और Anode के दोनो सिरो पर potencial difference या energy में अंतर आ जाता है, तब x-ray का production होता है।
Electron energy और speed में change आने पर Targate Plate से X-ray photon produce होती है, जो Al filter से बाहर निकलती है।
जब cathode और Anode के दोनो सिरो पर ऊर्जा में अंतर आ जाये तब electron की गति में कमी आ जाती है, यह Potancial difference kV है, जिस पर Tube oprate किया जाता है, जिसे kV कहते है।
ज़ब electron cathode पर उत्पन्न होते है, तब High potancial difference के कारण उनमे पर्याप्त energy रहती है, जिससे वह Anode की और high speed से move करेगी, क्योंकि उनमें kinetic energy होती है ।
Space charge effect : -
Potancial Difference के कारण electron Anode की ओर जाते है, जब electron को पर्याप्त energy से अधिक energy प्राप्त होती है, तब वह Anode की ओर जाते है, यहाँ से Electron का conversion X-ray photon में होता है, यही electron filament से अन्य electron को
उत्पन्न नहीं होने देते है, और अधिक energy आने तक अपना space नही छोड़ते है, इसी effect को Space charge effect कहते हैं।
X-ray का Genaration निम्न दो तरीको से X-ray tube में होता है।
1. Bremsstralung Radiation ( Braking Genral Radiation)
2. Characteristic Radiation
BREMSSTRALUNG RADIATION (BREKING GENRAL RADIATION ) :-
Bremsstralung Radiation ( Braking Genral Radiation) के अनुसार जब High speed वाले electron tungsten target पर strike होते है, तब Targate का Nucleus का possative charge electron के Negative charge पर कार्य करता है।
electron energy +1MeV (mili electron volt ) से अधिक होती है, तब वह Direct Nucleus में enter होता है, क्योंकि दो Possetive charge एक दूसरे को attract करते हैं, यहाँ high speed वाले electron कुछ second रूक जाते है, और Nucleus इसे Neutralized कर देता है, अर्थात् Negative electron को possative में change कर देते हैं, क्योंकि दो समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते है, अतः Nucleus से यह energy लेकर किसी अन्य Direction में X-ray photon के रूप में निकलता है, ऐसे photon की wave length कम होती है, और panitration power अधिक होता है, चुम्बकीय गतिशील electron Nucleus में enter होकर अपनी kinetic energy को x-ray energy में change कर देता हैं।
CHARACTERISTIC RADIATION:-
जब electron की energy - 1meV (mili electron volt) से कम होती है, तो वह Tungsten Atom, Outer orbit में स्थित electrons को अपनी energy दे देता है, क्योकि उस electron में Nucleus के पास जाने के लिए पर्याप्त energy नही रहती हैं, अत: Outer orbit के electron group बना लेते है, और electron atom में jump करना शुरू कर देता है, और उसे Nucleus दूर से ही Neutralized करके अन्य Direction में भेज देता है, इस प्रकार secondry electron द्वारा X-ray produce होती है, जिनकी wave length अधिक होती है, और penetration power कम होता है, इस प्रकार के Radiation को Characteristic Radiation कहते है।
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